Book Title: Deepratnasagars Ssaahity Yaatraa Of 585 Publications 2017
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 34
________________ સમાધિ नमो नमो निम्मलदंसणस्स Folder - 26 साराधना साहित्य Printed कुल किताबें +3 भाषा- गुजराती कुलपृष्ठ 434 શ્રાવક અંતિમ આરાઘe મુનિદીપરતનસાગર 'आराधना साहित्य' इस छव्विसवे फोल्डर में हमारी तिन किताबे गुजराती में है [1] समाधिम२९:- अंत समय और भावि-गति सुधारने के लिए मरण के वक्त चित्त समाधि बनी रहे ऐसी आराधना विधि, आराधना सूत्रो, आराधना पद्यो, पूर्व ऋषि-मुनिओ द्वारा की गई अंतिम आराधना, वगेरैह सात अलग-अलग विभागों में विभाजित ऐसा 350 पृष्ठोका दळदार पुस्तक, जो बारबार पठनीय है। 'पुन्यप्रकाश न स्तवन' जिस में अतिचार-आलोचना, व्रत-ग्रहण, जीव-खामणा आदि दश अधिकार का वर्णन आता है उसको इस किताब में संक्षिप्तमें और विस्तारमें दोनों प्रकार से स्थान दिया गया है, इस का पठन करते हुए कोई भी व्यक्ति अपने आप अंत समय सुधारने की आराधना अच्छी तरह कर शकता है। ये किताब मैंने A-5 अर्थात् 8.75 x 5.75 की साईझ में मुद्रित करवाई है। [2] साधु-साध्वी प्रतिमा साराधना:- साधु-साध्वी को अंतिम समय सुधारने के | लिए नित्य करने योग्य ऐसी ये आराधना है, मूल प्राकृत और संस्कृतमें ग्रंथस्थ विधि को मैंने सरल गुजराती में प्रस्तुत किया है, इस छोटी किताब का कद पंचाग जैसा होने से साथ रखना आसान है | [3] श्रावs iतिम माराधना:- श्रावक-श्राविका को अंतिम समय सुधारने के लिए नित्य करने योग्य ऐसी ये आराधना है, मूल प्राकृत और संस्कृत में ग्रंथस्थ विधि को मैंने सरल गुजराती में प्रस्तुत किया है, इस छोटी किताब का कद पंचाग जैसा होने से साथ रखना आसान है | मुनि दीपरत्नसागर... IMuni DeepratnaSagar's 585 Books [1,03,130 Pages] | Mobile: +91-9825967397 Email: jainmunideepratnasagar@gmail.com मुनि दीपरत्नसागर की 585...... | Page 34 of 60 | .......साहित्य कृतियो का परिचय

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