Book Title: Damannaka Kul Putrak Ras Author(s): Kalpana K Sheth Publisher: ZZ_Anusandhan View full book textPage 9
________________ 57 ४७.ए. घरि घरिणी छइ तेहनइ विस्तरीयउ यश जेहनउ आवी तसु कुक्षि उपनउ , संपूरण दिवसे थए कुटुंब सहु मेली करी , माबापना मन हरखीयां चंदकला जिम दिन प्रतइ पिता मनोरथ पूरतउ हुयउ वस्तर आठनउ प्रगटी तेहवइ तेहनइ खबर थइ दरबारमां वृत्ति करउ एहनइ घरे सुयशा नाम अनुप परिमल कुशम सरुप. ॥४५.ए० उत्तम जीव सुनंद जनम्यउ पूनिम-चंद. ।।४६.ए० दामनक नाम दीध मंगल कारिज कीथ. अनुक्रमि वाधउ बाल, लोचन भाल विशाल. ॥४८.ए. थयउ कलान उधार घरे भयंकर मारि. ॥४९.ए० राजा सांभली वात न हुवइ लोकनउ घात. ॥५०.ए. दूहा सगा-सयण कुटुंब जिम दूरवातइ अंब. ॥५१,ए. पूरव पुण्य प्रभाव नाठउ देखी दाव ।।५२.ए. ढाल-५ (पारधियानी) भूख करो पीडाय रे बालक ते , त्रिपति दुहेली थाय रे बालक ते. ॥५३ अचरिज एह, बालक ते लहीयइ लाछि अछेह रे . .बा० ॥५४ मात पिता बांधव सहु अनुक्रमि क्षय पाम्या तदा रह्यउ दामनक एकलउ कुंकर कृत विवरइ करी हिव पुरमा भमतउ थकउ रे , धरि धरि भिक्षा मांगता रे तुम्हे जोवउ रे जोवउ पूरव पुन्य तणइ उदइ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
1 ... 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22