Book Title: Chatusharan Prakirnakam
Author(s): Jinendrasuri
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

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Page 2
________________ श्री हर्षिपुष्षामूलन ग्रन्थमाला-ग्रन्थाङ्कः १ ....... ॥ पू. आ. श्रीविजन समतपूरिभ्यो नमः ॥ सावचूर्णिकं श्री महावीरस्वामिहस्तदीक्षित श्री वीरभद्रमुनिवर्यप्रणीतं SOOOOOOOOO चतुःशरण-प्रकीर्णकम सम्पादकः संशोधकश्च तपोमूर्ति-पूज्याचार्यदेवश्री विजयक' रसूरीश्वर-पट्टधरहालारदेशोद्धारक-पूज्याचार्यदेवश्री विजयामृतसूरीश्वर पट्टधरः पूज्याचार्यदेवश्री विजयजिनेन्द्रसूरीश्वरः .......................................... .......................... पूज्याचार्यदेवश्री विजय जिनेन्द्रसूरीश्वर-सदुपदेशेन जेतपुरवास्तव्य श्रेष्ठिवर्यश्री चोकसी जयंतिलाल होराचन्द वसा (राजकोट) इत्यनेन प्रदत्तसहाय्येन 卐 प्रकाशयित्रीश्री हर्षपुष्पामृत जैन ग्रन्थमाला लाखाबावल-शांतिपुरी (सौराष्ट्र) OOOOOOOOO ..............

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