Book Title: Charcha Shatak Author(s): Dyanatray, Nathuram Premi Publisher: Jain Granth Ratnakar Karyalay View full book textPage 9
________________ (५) पृष्ठ संख्या पृष्ठ संख्या वैक्रियक दोय विना० |सात प्ररुतिको घात. वंदी नेमि जिनेंद० ६. सात लास पृथ्वीकाय. षट पाच तीनि एक पटक १४४ | सात सतक अरु नवै. साततै निकसि पसु० १२८ साता औ असाता दोइ० सात आसरव द्वार० . | सासतौ सुभाव पंचभाव. सात किरोर बहत्तर लास. सुर नर पसु आव० सात नर्क भूमि उनचास. १.१ सोलहसै चौंतीस किरोर०Page Navigation
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