Book Title: Chandrapragnapati Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Kanhaiyalal
Publisher: Delhi

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Page 30
________________ चंदानाभवरे दिवसे एवंभरणी मते गराइदेगसद्धिं जो गंज इत्ता जोगेऽपरियह" पाडे चंदे कतिया मां समयेति कतिया बनवते मागे समते तीस ते चंदे सहिजो गंजोइता तावरे रा १४ एवंलु कत्तिया दिवसे राचस जोग जोइता जगपरियह१० चंदे रोहि समयति रोहिणी जरा उत्तरामदवा मिसिरे जराधनि राजसत्तमपुरा बजाउत्तरामह्वया पुरसो जहा धनिष्ठा से सा जहा सत्ता मेघापुद्या गुणी जहानामवयात्रा गुजरात रामट्यस्थोंदि तारा जहाधनिता २१ सातिजहा सत्तमिसगा सारा जहा उत्तरामहाराजाधूनि जेठा जहा सत्तभिसारण मूल पुहा साए जहा युवा उत्तरासाठी जहाजेतराम समरस ॥ ११४॥ कहे ते कुलाऽदिया तथ लुइमे बारसकुला बारसकुला चत्तारिकु लोकुला तथारसकुला ते धनिले उत्तराभास्सी ३ कलिया मिगसिरे पुस्तौ ६ मा उत्तराफी चित्ताविसा हा०म्लो १९ उत्तरासादाकुले बारकुलाकुले हमारे ३२४ रोहिन सु६स्से सा७ हाफ गुणी थोध साति १० जेठ ११ पुछा सादा नकुले चत्ता रिकुलाकुला चिकुलो व कुलं सत्तमिसगारा हा कुलो व कुले ४ "इतिदसमस् १०५॥ कहते पुसा मास १०६ मीडिया तथबलुमान बारसयुमान बारसमासान ते साठीजासाठी १३ साठी पुरा मासीकडून बाज गंजोयेति तिनिघता जायेति तं मिचि सरसो धनिट पुसमं तिनित्ता जो छेति तं सत्तभिसा पुछापोट १४ 10/M

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