Book Title: Chandrapragnapati Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Kanhaiyalal
Publisher: Delhi

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Page 29
________________ मघनदेषहर ते राप धूनिया गुरियर सायं चेदेश समति धनिनले भागा समयेते ती समजले पाए साथ देस द्विजेोगं जो इ वरंदिवस एवं धनिमान एगराइएदिवस चंदेश सहिजो गे जो इश्ला जोगेऽरियर "सायेचेदे । सत्तभिसगाएं समपति सत्तमते भागे समजते तेपटमार सायं वेदे सांस जो गंज २ ला नोलाइडवरंदिवस एवेषलु सत्तभिसमानते एगराइ चंदे ससद्धि जोगं जो इश्ता जो परियदे पुत्राभर या समपति पुनाभद्दा बनवते भागे समते ती समते पटाए देस हिंजो गंजो इस तन पावरं एवं पुयान दिवस रागे राइ चंदेस हिजो गंजोइसा जोगंड एरियाचेदे उत्तरामह्वयाएं समपति उत्तराम बनते अभ्यं भागे दिवटते पाताली समजते तेपटमारावा चंदेशांस हिजो गंजोइता वरं राइ दिवस एवं उत्तरायाते दो दिवसे एगचरा चेदेसधि जोगे जो इ ताजोगं परियह६" सायं वेदे रेवइस समय तिरेव भागे समते ती मया साधेचे देस जो जोइता तरंदिवस एवं रेवन गराइएगे चंदिव से चंदे श स हि जेोगे जो इलाजोगंड रिग्रह७" सायं चेदे ऽस्सही रंग समप्यति सबलुनते भागे समयेते ती समजते ते परमया सायेचं देश सहि । जो गंजोइतामा वरेदिवस एवं सीन एगराइ रागंदिवस चंदेशांस हिजो जोइता जे मंडरिह सायं चंदे भर सीएं समयति भरगीबलुते एभागे येते पण समजते तेवढयाए सायं चंदे स दिजो गंजोडू ersonal Use www.ray.org

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