Book Title: Chandrapragnapati Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Kanhaiyalal
Publisher: Delhi

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Page 36
________________ चंद ससदेव १६ मा चिदेव १७ बागुणी भगदेव उत्तराफ गुणी जमे देव १८८ हथे मांस चितिदे२२० चित्तं तदेव सत्ती बायुदेव २२ बिसाद मि२३ गुहा मित्तदेव २४ जेठा ददे३२५ मूला निर६२६ पुसा साटा १७ देवया उत्तरासादाय विस्सदेव या समस्त बारसमं ॥ १०॥१२॥ कहते मता सोनामधिदिए मेगस होर तरसती मत्ता रहे से 2 मते ३ बायु सुबीरा मिचेदे६ माहि७ बलबंद बसचे १६ साये ११ ते१२ नायबेसम४ ब १५. नंदे १६ बिजय १७ जिससे १८ पाधनमवेसे 22 सय बस ३४२२६ मोमं २७ बसमे २७ सचते २८ २०ब से चेव ३० ॥ इतिदसमरसते रस मे २०१३ ॥ कहते दिव २०१४ साहिए तंगगग सपने पर सदिवसा येते पडिकादिव से बितिया दिवसेर जावंगार सीदिवसे १५ एते सियां परस दिवसाएं परसनामधिजा येते पुछेंगे। सिद्धम गोर मे श्त तो मोहरेचे व जस्सन हे (वेसकमसमि वेसे उसमे तिराई, दमुद्रा मिसिए७ सोमसेज समस दिवसानामधिज्ञाएं करते राहतसगमेगस पर सराईत पारा वितिया राजा परसीरा३१५ रात सिगराइ रसनामधिजाये से उत्तमाएर सुनता एलावा जस्ता धरा ४ सोमगा साचे२५ तह सिरी संभुया बोधवा६ बिजया बेजयति जयति परा जियारा १०३ बारा ११ समाहाराचे २१७ नहातेया ३६ ते या १४ देवानंदानि ५ १७ रमनामधिज्ञाई ॥ इदि समरस चउदस मे २०१४ ॥ कहेते तिथिहिए तथा बिहातिथि तं दिवसतिथि राइतिथि cation international rsonal Use Only www.indiary.or

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