Book Title: Chandrapragnapati Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Kanhaiyalal
Publisher: Delhi

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Page 51
________________ ७४९ मा मा सियाहए। कुछ दिन चंदन समादिया समजवाया मासा एसवि एतेन मासा बावति एते चंद मासा सत्तठिते नतमासा एसा वालसंयुत्त कडा बाल संप्रतिया सहिते दिवसे एसटिएसेाराचंद सत्तविराते नाते दिउ चंदन से बसमादिया समवसिय हिया २ कयास ते भिनदिए दिन समादिया समजन सिय हित सत्तावसमासा संत होरता एगार संमता तेबीचादितरस सतेोऽमिटिरामासा सविएतेऽदि "मासा' एस विराले उक्रमासा बौदिराचेदमासा सत्तसतिरात्तमासा एप्स पुत्तकडा दुवाल संभ तिए सत्ताले एतेऽदिसंबर सत्तासी राजसत्ता ए उत्तरा एते चंदा गहरे तेत्रात भिनदिए कि चंद नवरा समादिया समयजन सियाज दिएन चंदनबरे तो राईदिएस वालस बा विभागे राई दियरसहित चंदसंबरे तिचिरादिरास पंच मते संगमर प्रहिए तथा लुइमे बनबसा हत्ते २ सरदे३ हेमंते । बसंते गिम्दे ६ स बि एते चंदन कर माझा तिचिनो समय गतिमा सो साईरेगा एगुए सेट राई दियाई राई दियो गांड हिरा तथइमे मरता येतं ततिएपसत्तमे यछे एगार समेयचे ३ परसमे पछे ४ एमुगाबीसमे पछे तेवीस मे पछे ६ तथब्लुमे 12 www.nary.org

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