Book Title: Chaityavandan Stuti Stavanadi Sangraha Part 01 Author(s): Purvacharya Publisher: Master Umedchand Raichand View full book textPage 9
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २२ आंबिलं वर्धमान तपनु ४१ नवपद महिमा वर्णन ढाल ३२३३ श्री सिद्धचक्रजीनु ३२७ २३ ,, थोयो २३८ ४२ बीजुं ३२९ २४ ,, सझाय २३९ ४३ त्रीजं .. ३३० २५ अक्षयनिधितपनो विधि २४० ४४ मंधर स्वामीनु स्तवन २६ श्रीमंधरस्वामीनु स्तवन २५३ चोथु २७ सिद्धाच लजीनु स्तवन २५५ ४५ श्री पर्युषणनु स्तवन ३३२ २८ सुमतिनाथनु स्तवन २५७ ४६ जीनप्रतिमा उपरनु , ३३४ २९ श्री नवकारनो रास २५९ ।। ४७ समवसरणनु , ३३५ ३० श्री सिद्धाचलजीनु , २६४ ४८ सिद्धपद स्तवन ३३७ ३१ , बीजं स्तवन २६७ ४९ सिद्धभगवाननु स्तवन ३४० ३२ श्रीमंधर स्वामीनु , ५० एकादश गणधरनु ढालो ७ २७० प्रभातियु ३३ वीरस्तुतिरुप हुंडीनु ५१ अठाइनु स्तवन ढाल ९ ३४२ स्तवन ढालो ७ २७६ ५२ महावीर स्वामींना स३४ श्रीमद् यशोविजयजी त्तावीस भवनु पंचढालीयु ३५० कृत मंधर स्वामीनु नि- ५३ श्री महावीरस्वामीनु श्चय व्यवहारनु स्तवन पालj ढालो ४ २९६ ५४ महावीर :, हालरीसु ३६१ ३५ गोडी पार्श्वनाथ अधि- ५५ श्री पार्श्वनाथनु स्तवन ३६५ कारे मेघाशानु स्तवन ५६ श्री ज्ञानपंचमीनी ढालो १५ ३०२ ढालो ६ ३६ श्रीमंधर जीन स्तवन ३२१ ५७ अष्टमीनु स्तवन ३७ चो) ढालो २ ३७४ ३८ पांचमुं , ३२५ ५८ मौन एकादशीनु स्तवन ३९ सिद्धाचलजीनु ढाल ३ ३७६ ३२६ ५९ महावीर स्वामीना पंच ३६७ ३२३ For Private And Personal Use OnlyPage Navigation
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