Book Title: Buddhivilas
Author(s): Padmadhar Pathak
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur

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Page 8
________________ CONTENTS OF THE TEXT ११४ मंगलाचरण १- २ | षडेलवाल उतपति वर्नन ८७-६४ स्वर्ग नाम . २ क्रिया वर्णन ६४-६५ नरक प्रभा नाम विनती ६५-१०॥ नृप वंश वर्नन ७-१४ | रजस्वला वर्नन १०१-१०४ नगर उतपति वरनन १४-३१, दांन वर्नन १०४-१०५ भाषा ग्रन्थ की ३१-३३ | मौंनि वर्तन १०५-१०८ संघादि उतपति ३३-३४ | सूवा सूतिग वर्नन १०८ आचारिज आदि गृहस्थाचार- सूतिग वर्नन १०८ यति-वर्नन ३४-३५ श्रावग धर्म वर्नन १०६-१३ मुनि, श्रावक को उपदेस वर्नन १४-४१ | तियनु कौं उपदेस वर्नन मनि शास्त्र करता नाम वर्नन ३५-४१ | असत्ति वर्नन विसंघ उतपति वर्नन ४७ अचोर्य व्रत वर्नन ११४ संघ नाम वर्नन परिगृह वर्नन ११५ भद्रवाहु चरित्र सप्त विसन वर्नन ११५-१२४ सोलह स्वपन वर्नन ४८-५६ | तीर्थंकर पिता माता चिन्ह उपकर्ण नाम ५६-५७ | जनम नगरी वर्नन १२४-१२६ चौरासी बोल छंद छपै ५७-६८ सप्त प्रकार माला जपिवा १२६ द्रावड़ संघ उतपति वर्नन ६८ | वेद निरनय कथन १२६-१२७ ज्यापनीय संघ उतपति वर्नन ६६ भिंन भिन वेद निरनय १२७-१२६ काष्टा संघ उतपति वर्नन ६६-६० च्यार गति लछिण वर्नन १२६-१३१ निपिछ्छ संघ उतपति वर्नन ७०-७१ ग्रहादिक पूजन १३१ कुंदकंदाचार्य वर्नन ७१-७६ | प्रथ्वी नाम १३१ मंडलाचार्य उतपति वर्नन ७६-८० , कुलकर नाम परिपाटी भट्टारकानि की वर्नन ८०-८१ | कामदेव नाम पट्टावली वर्नन ८१-८५ चक्रवत्ति नाम श्रावक उतपति वर्नन ८५-८६ वलिभद्र के नाम षांप वर्नन ८६-८७ | नारायण नाम 99 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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