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CONTENTS OF THE TEXT
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मंगलाचरण
१- २ | षडेलवाल उतपति वर्नन ८७-६४ स्वर्ग नाम . २ क्रिया वर्णन
६४-६५ नरक प्रभा नाम
विनती
६५-१०॥ नृप वंश वर्नन
७-१४ | रजस्वला वर्नन १०१-१०४ नगर उतपति वरनन १४-३१, दांन वर्नन
१०४-१०५ भाषा ग्रन्थ की ३१-३३ | मौंनि वर्तन
१०५-१०८ संघादि उतपति
३३-३४ | सूवा सूतिग वर्नन १०८ आचारिज आदि गृहस्थाचार- सूतिग वर्नन
१०८ यति-वर्नन
३४-३५ श्रावग धर्म वर्नन १०६-१३ मुनि, श्रावक को उपदेस वर्नन १४-४१ | तियनु कौं उपदेस वर्नन मनि शास्त्र करता नाम वर्नन ३५-४१ | असत्ति वर्नन विसंघ उतपति वर्नन ४७ अचोर्य व्रत वर्नन ११४ संघ नाम वर्नन
परिगृह वर्नन ११५ भद्रवाहु चरित्र
सप्त विसन वर्नन ११५-१२४ सोलह स्वपन वर्नन
४८-५६
| तीर्थंकर पिता माता चिन्ह उपकर्ण नाम
५६-५७ | जनम नगरी वर्नन १२४-१२६ चौरासी बोल छंद छपै ५७-६८ सप्त प्रकार माला जपिवा १२६ द्रावड़ संघ उतपति वर्नन ६८ | वेद निरनय कथन १२६-१२७ ज्यापनीय संघ उतपति वर्नन ६६ भिंन भिन वेद निरनय १२७-१२६ काष्टा संघ उतपति वर्नन ६६-६० च्यार गति लछिण वर्नन १२६-१३१ निपिछ्छ संघ उतपति वर्नन ७०-७१ ग्रहादिक पूजन
१३१ कुंदकंदाचार्य वर्नन ७१-७६ | प्रथ्वी नाम
१३१ मंडलाचार्य उतपति वर्नन ७६-८० , कुलकर नाम परिपाटी भट्टारकानि की वर्नन ८०-८१ | कामदेव नाम पट्टावली वर्नन
८१-८५ चक्रवत्ति नाम श्रावक उतपति वर्नन ८५-८६ वलिभद्र के नाम षांप वर्नन
८६-८७ | नारायण नाम
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