Book Title: Buddhivilas
Author(s): Padmadhar Pathak
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur

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Page 9
________________ बुद्धि-विलास प्रति-नारायण नाम १३३ ।। | आचार्य गुन वर्नन १४०-१४१ नव नारद-नाम १३३ उपाध्याय गुन वर्नन १४१-१४५ ग्यारह रुद्र-नाम १३३ साधु गुन वर्नन १४५ --१४६. सोलह सती-नाम १३३-१३४ | श्रुत भेद ग्यान द्वादसांग तीर्थकर मुक्ति प्रासन वर्नन १३४ बांनी वर्नन १४६-१४७ तीर्थकर कंवारे गए तिनके सूत्र वर्नन १४७ नाम १३४ प्रथमांन जोग वर्नन १४७-१५१ श्रावक के सप्तदश नित्ति-नेम श्रावग क्रिया वर्नन १५१ वर्मन १३४-१३५ चौदह विद्या व रतन नाम ग्यांन सूर्योदय नाटिकेन वर्नन १५१ श्लोक १३५-१३६ | कलिकाल दोष उपद्रव वर्नन १५१-१५५ आगम को वर्नन एक सौ आठ पुराणोक्त जीव उतपति वर्नन १३६-१३७ वर्नन १५५-१६८ सूरोदये मतेन वर्नन १३७ तरेपन भाव कथन १६८ -१७१ गर्भ नांम-संग्या वर्नन १३७-१३८ | केवल ग्यांन कथन १७१-१७२ पंच-परमेष्टी गुन वर्नन १३८-१३६ | | पद्मनंदि पचीसका पाठ मंगल-द्रव्य वर्नन १३६ - १४० | दांनाधिकार वर्नन १७२ सिद्ध गुन वर्नन । १४० कवि लघुता वर्नन १७२-१७३ Jain Education International International For Private & Personal Use Only For Private & Pe ənal Use Only www.jainelibrary.org

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