Book Title: Bruhat Stavanavali
Author(s): Bhagubhai Panachand Jhaveri
Publisher: Bhagubhai Panachand Jhaveri
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________________ (375) // 5 // चेत्रीदिनकेवललहीजी, पाम्योजवनोपार // पुंमरीकते. हथीयोजी, नाम एहसुखकार // गु० // 6 // चैत्रीदिनतपकीजीयेजी / पूजाविविध प्रकार ॥दशवीशत्रीशचालीसनीजी। पंचासनी करोसार // गु० // 7 // कार्तिकीपूनिमदिनेजी, जाविम वारिखिलजाण / सिधिबधुरंगेवस्याजी, दशकोमीगुणखाण // गुण // // पूनिमदिनचारित्रनोजी, आराधनसुविचार, नावनले आराधताजी, पामेनवनोपार // गु० // ए॥ दर्शनज्ञानचारित्रनीजी, तिथीनाखी जिनराज, सेवंतासिवसं. पजेजी, सारेवंतिकाज // गु० // 10 // चंजोदयसमजाणियेजी, पूरणधरमसुजाण // जिनकृपाचंजसूरिसदाजी // सेवो. गुणमणिखाण // 11 // इति पूनिमसशाय संपूर्णा // // घुमर देशी // सरसति सामणी समरीने, एतो सद्गुरूचरण नमीनेहे माय, पर्युषण गुण वरण, एतो शास्त्र मांहि सुणीनेहे माय // 1 // पर्व आराधो नवियणा, एतो सहु पर्वमां सिरदार है, माय तीर्थोमां शेजगिरि, एतो मंत्रोमां नवकार है, माय० पर्व श्रा० // 2 // देवमां वीतराग देव , एतो गिरिमांहि मेरू कहायो हेमाय, नदीयांमें सिरोमणी, एतो गंगा नाम धरायो है, मा०, पर्व // 3 // कटपवृक्ष चिंता. मणि, एतो कामगवी अधिकारी हे माय, इमहीज पजुषण वलि, एतो सेवो नविक सुखकारी है, माछ पर्व // 4 // कट्पसूत्र सुणोश्कमना, एतो एकवीश वार मनुहारी है, मा० नवसागरतरवातणो, एतो उपायकह्यो गणधारी है, माछ पर्व // 5 // आश्रवपांचेपरिहरि, एतो कषायचउ निवारीहैमाय, दानादि

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