Book Title: Bruhat Stavanavali
Author(s): Bhagubhai Panachand Jhaveri
Publisher: Bhagubhai Panachand Jhaveri
View full book text
________________ (374) कट्याणकपहिचानोरे // ग्या // 4 // दसदेवना पच्चास ले। तीनकालना गणीयेरे / दोढसोकट्याणकथया / समरण करी फुःखहरियेरे // श्या० // 5 // एटलाबीजीग्यारस / त्रणका. सनाजाणीरे / त्रणसोकल्याणकनमो / गुणनोकरोगुणखानीरे ॥श्या० // 6 // अपोहरी पोसो करी। मौनव्रत लश्नावरे / चनविहारजपवासथी / अशुनकरम मिटजावैरे // ग्या॥७॥ सुव्रतशेठपोसो कर्यो / मौनसहितमनरंगरे / अग्निनो उपपव मव्यो / सुजस लह्यो सुखसंगेरे // ग्या० // // चोरथनानातपथकी / अचरजथयोसहु जनमेरे / राजादिके मोटो कीयो। सुव्रत सुकृत करमेरे ॥झ्या॥ए॥खरतरगगुणमणी समो। जिन आणारंगधारिरे / जिनकृपाचंजसूरिजणे / बागमसेवोइकतारीरे ॥श्या० // 10 // इति // // पूनमनी सशाय // [मेतारज मुनिवर धन 2 तुम अणगार चा] सुगुरु चरण प्रणमीकरीजी, सुयदेवी सुपसाय // चारित्रतिथि आराधवाजी, कहुँ पूनिम सिशाय / गुणवंतालविजननिसुणोजिनवरवाणि // 1 // रिषनजिनेसरजगधणिजी विचरंतादेस विदेश, सेजसिखरेसमोसयाजी, आव्या इंजनरेश // गु० // // समवसरणसुरवररच्योजी, बेगत्रिजगजाण // तीरथम हिमादाखिनेजी, पुंगरीक मनाण // गु० // 3 // प्रनुलाखे गणधर जणीजी, इणतीरथपरलाव // सिवकमलातुमे पामसोजी,संवरी आत्मस्वजाव // गु० // फागुणशुदिपूनिमदिनेजी,श्रणसणकीधोसुजाण / पांचक्रोमपरिवारसुंजी, पुंमरीक सुखखाण // गुण

Page Navigation
1 ... 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418