________________
Roode de 5503
२९२
आ
र्म
चा
रा
सा
व
Goda 30
ब्रह्मविलास में
अथ चित्रकविता.
ध से
अनुष्टुपछन्द,
आपा थान न था पाआ ।
चार भार रमा रचा ॥ राधा सील लसी धारा ।
साद साम मसा दसा ॥ १ ॥ पादानुपादगतागत चित्रम्,
व
पा
र
धा
र व
द
प से प से त नि उ
से
था
ज
मा
सी
दोहा.
पर्म सेव पर सेव तज, निज उधरन मनधारि ॥ धर्म सेव वर सेव सज, निज सुधरन धनधारि ॥ २ ॥ त्रिपदीबद्ध चित्रम्,
ज
सा
ध
र
to
fr
स नि सुर
न
र
ल
म
क
5
न रि
ध
打
Budd up eats de dosed