Book Title: Bhavi Jineshwar Amamswami Charitra Mahakavya Part 01
Author(s): Muniratnasuri, Vijaykumudsuri
Publisher: Manivijay Ganivar Granthmala

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Page 4
________________ श्रीअमम जिन शुद्धिपत्रम् चरित्रम् / 83%**4898-99* शुद्धिपत्रम् // 4 // शुद्धम् एण्या शुद्धि नभखा क्रूर जागरिषं पृ० श्लो० अशुद्धं शुद्धम् 2 15 (क्थवाचाम् ) चामिव 2 19 (सूरिम) तं येना 3 35 (नीहग्बाणवत्) नीकिलिकि श्चितम् 3 39 (जिनेन्द्राणां) नया क्लप्तिः 3 42 (श्रोतृसमाज- अन्तरात्मेव व्योम) मध्य 3 42 (विधु) तनु 4 45 स(तावली) सभा चिरम् 4 49 सद्गुणस्थासु प्रागवस्थासु 4 52 (समु) 9 43 प्रवयणो प्रवयणाद् 11 94 पक्रमे प्रक्रमे पृ० श्लो० अशुद्ध 20 64 ऐण्या 21 87 बुद्धि 29 6 नभःप्रेखा 31 47 क्रुरं 34 14 जारारिषं 35 16 बहूयु 36 49 मामा 37 70 वारि 39 3 स्मै भर ४७हेडींग गंगदत्तो 66 42 विस् 67 65 पुत्रींश्च 78 65 दुर्द पृ० श्लो० अशुद्धं शुद्धम् 89 77 महोन्सवे महोत्सवे उर्ध्व 95 84 या 96 अंक 9.3 99 51 तृका तृका 99 56 वांच्छितम् वाञ्छितम् 68 लक्ष्यीं लक्ष्यी 70 विनो विष्णो 78 वाणि वाणी 34 प्राप्तु प्राप्त 105 77 ध्यासाम ध्यासामा 108 37 शापेच शापेष सर्ग-३ सर्ग-४ मामा वाग्नि 83--8-288* स्म भैः शूद्रो निस पुत्रीश्च // 4 // /

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