Book Title: Bhavi Jineshwar Amamswami Charitra Mahakavya Part 01
Author(s): Muniratnasuri, Vijaykumudsuri
Publisher: Manivijay Ganivar Granthmala
View full book text ________________ // 1 // प० पू० पंन्यासमणिविजयजीगणिवरग्रन्थमाला नं. 8 आचार्यश्रीमुनिरत्नविरचितं प्राचीनताडपत्रीय संस्कृतं भाविजिनेश्वरश्रीअममखामिचरित्रम् ॐ। अहं // भव्याम्बुजन्मनां गोभिर्बोधलक्ष्मीप्रदाः सदा / सर्वक्षेत्रेषु युगपद् विनादित्याः पुनन्तु वः॥१॥ सुखयतु स जिनो. | यदंशदेशद्वयवसतिः पृथुसंहतिर्जटानाम् / मृगमदलिखितेव पत्रलेखा विरतिव(नितायाः सदा) विरेजे // 2 // श्रीशान्तये नमस्तस्मै * राज्यवत्संयमेऽपि यम् / सुवर्णवारिजव्याजादऽन्वयुनिधयो नव // 3 // सदानवानन्दकरः शंखचक्रांकितक्रमः / देयादिष्टां श्रियं नेमि*नवीनः पुरुषोत्तमः॥४॥ श्रीपार्श्वः स जिनो जीयाद्यस्य दैत्यजयोत्सवे / चित्रं जै फणच्छत्र फणीन्द्रः खयमुद्दघे // 5 // अन्तर्वैरि // 1 //
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