Book Title: Bhavi Jineshwar Amamswami Charitra Mahakavya Part 01
Author(s): Muniratnasuri, Vijaykumudsuri
Publisher: Manivijay Ganivar Granthmala
View full book text ________________ श्रीअमम चरित्रम् / जिन अनुक्रमणिका // 10 // 198 82 मातंगवंशस्वरूपकथने नीलयशसः परिणयनं गिरि- 91 दुन्दो राजभुवनगमने कनकवत्या स्वनिश्चये कथिते तटे सोमश्रीपरिणयनं च वसुदेवस्य सोदासराक्षस थीदपाश्चे निवेदने सति पारितोषिकप्राप्तिः श्रीदेनहननक्रिया च मण्डपे कृतं वसुदेवस्वरूपाच्छादनं च 213 कपिला पद्मावती मेघसेना रत्नवती सोमश्री परिण- 92 प्रकटिते वसुदेवे तत्कण्ठे क्षिप्ता वरमाला कनकयनप्रदर्शनं प्रपञ्चतः वेगवत्या परिणयन स्वरूपंच 193 वत्या, श्रीदकृता सुवर्णवृष्टिः मदनवेगापरिणयनम् दुन्दुना आगमनहेतौ पृष्टे श्रीदेन कथिता मम्मणराज राजगृहे पाते वधार्थ पर्वताल्लोठने धेगवतीधाच्या वीरमतीकथा गृहीतो वसुदेवः 94 वीरमत्या अष्टापदतीर्थयात्रा तपपूर्वकं चतुर्विशति श्रावस्त्यां गमनं वसुदेवस्य तिलकचडापणं च केवलज्ञानिकथितः स्ववृत्तान्तः देवताकथिता च 95 धर्मिलासस्य मुनियावृत्यकरणम् पणीपुत्रपुत्रीप्रियंगुसुन्दरीकथा गन्धपुरेच 96 दानप्रभावात्सर्गे क्षीरडिडिरौ च्युत्वा सो नलो जातोवसुदेवनयनम् / ऽन्या भीमपुत्रीदवदन्ती जाता 88 केतुमतीप्रभावत्योः परिणयनम् 97 दवदन्तीस्वरूपवर्णनम् षष्ठसर्गे 98 दमयन्तीस्वयंवरमण्डपवर्णनं मण्डपे विविधा क्रिया 89 पेढालपुरेशहरिश्चन्द्रराजवर्णनं तत्पुत्री कनकवती भूपानां सखीकृतवर्णने नलकण्ठे क्षिप्ता घरमाला स्वरूपस्वयंवरोच्छववर्णनं च 206 - 99 परिणीय स्वपुरीगमने मार्गे दमयन्तीतिलकेन दूरी९० कनकवत्या विवाहेथीदस्यागमनं दौत्यकर्मवसुदेवस्य च२०९ | कृतोऽन्धकारः मुनिदर्शने पित्रापुत्रयोः हर्षः तदुपद्र 200 // 10 //
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