Book Title: Bhajanpad Sangraha Part 02
Author(s): Buddhisagar
Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal

View full book text
Previous | Next

Page 7
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भक्ति १९० श्रीसद्गुरु कृपा महिमा १४४ गुरुपद स्तुति १११ देवसेवा आत्मोन्नतिना उपायो ११३ आत्माने उपदेश १४६ नीति पद ११४ हित वचनामृतम् १४७ कर्तव्य बोध ११५ मूर्ख संगति दुखरुप छे १४९ सर्वनुं भलु इच्छयूँ ११६ धर्मफल महिमा १५१ दुर्जन लक्षण ११७ प्रभुस्तुतिः सज्जन लक्षण ११८ अंतरप्रदेश ध्वनि गान १५३ विद्यार्थि शिक्षण ११९ प्रभुप्रेम खुमारीना उद्शिष्य लक्षण ११९ गार संयत सद्गुरुलक्षण १२० सामान्य हितबोध २५६ सुखनुं स्थान १२१ देहस्थ आत्मानी परमामति श्रुत ज्ञान ए मनहर १२२ मावस्थानु भान १५७ परम कृपा वचन १२३ समय शिक्षाना उद्गार १५७ मुनि गुरु स्तुति १२३ वखतना विचित्र रंग १५८ गुरुमभाव . १२८ क्लेश विटंबना १५८ वचनामृत पहेलु १३३ मल्लिजिन स्तुतिः वचनामृत बीजू १३४ संप महिमा बालकोने हित शिक्षा १३५ चिदानन्ददगार सुधारा श्रीसंखेश्वर मराठी शाखी १३९ असार दुनिया सज्जाय १६३ आत्मज्ञान १३९ घडीमां नवनवारंग २६३ श्रीपार्श्वस्तवन १४० माया पाशनी सजाय १६४ श्रीपार्श्वस्तुति १४२ अन्तत्ति स्वाध्याय १६५ श्रीवीर प्रभु स्तुति १४३ कपट महिमा श्रीसद्गुरु स्तुतिः १४४ दुवकर संसार स्वरूप of ० ० १३७ स्वार्थ महिमा For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 ... 330