Book Title: Bhairav Padmavati Kalp
Author(s): Mallishenacharya, Chandrashekhar Shastri
Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia

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Page 5
________________ [५] ही अच्छा हो, अतः हमने सूरतके जुने मन्दिर, गुजरतिी मन्दिर व मेवाड़ा मन्दिरोंसे ऐसे हस्तलिखित शास्त्र प्राप्त किये व बम्बईखे हमारी बड़ी बहिन श्रीमति काशीवहिन ( उर्फ नन्दकोरबाई) चुन्नीलाल हेमचन्द जरीबालोंकी धर्मपत्नी, उनके पास यही पद्मावती छन्द लिखे हुये थे उसकी कापी कर लाये और खषसे मिलान करके इस ग्रन्थ के अन्तमें पद्मावती सहस्रनाम, पद्मावती स्तोत्र, पद्मावती कवच स्तोत्र, पद्मावती पटल स्तोत्र, पद्मावती दण्डक स्तोत्र, पद्मावती स्तुति, पद्मावती छन्द व पद्मावती पूजा व स्तुति भी इस ग्रन्थमें प्रकट किये हैं जो पाठकों को श्री पद्मावती आराधना व पद्मावती सहस्रनाम आदि पाठ करने में बहुत उपयोगी होंगे। __इस मन्त्रशास्त्रमें हमारा विचार था कि श्री पद्मावतीमाताका कोई प्राचीन चित्र रखा जावे तो खोज करने पर एक ऐसा चित्र श्री उमाकान्त प्रेमानन्द शाह एम. ए. बडौदा जो कि इस विषयके पी. एच. डी. के अभ्याली हैं उनसे मिला जो इस प्रन्थमें प्रकट किया गया है जिसको देखनेसे पाठकोंको मालूम होगा कि दक्षिण प्रांत के जैन मन्दिरों में पद्मावतीकी कैती कैदी अलभ्य मूर्तियां हैं। हमारा विचार है कि यदि हो सका तो हम मालामालिनी कल्प भी हिन्दी अनुवाद सहित भविष्यमें प्रकट करेंगे। __ अन्तमें इस मन्त्र शास्त्रका उद्धार करने करानेवाले महात् विद्वान् पं० चन्द्रशेखरजी शास्त्रो देहलीका हम पुनः आभार मानते हैं क्योंकि आपने इसे तैयार न कर दिया होता तो यह मंत्रशास्त्र हिन्दी अनुवाद सहित प्रकट नहीं हो सकता था। वीर म० २४७९ निवेदक मूलचन्द किसनदास कापडिया ता. २५-१२-५२

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