Book Title: Bhagwati Sutra Vyakhyan Part 01 02
Author(s): Jawaharlal Aacharya
Publisher: Jawahar Vidyapith

View full book text
Previous | Next

Page 300
________________ है कि उनका आभोगनिर्वर्तित आहार जघन्य अन्तर्मुहूर्त और उत्कृष्ट अष्टम भक्त-तीन दिवस बीतने पर होता है। पंचेन्द्रिय द्वारा गृहीत आहार (पूर्वोक्त चार इन्द्रियों के अतिरिक्त) श्रोत्रेन्द्रिय के रूप में भी परिणत होता हैं। शेष सब पहले के समान समझना चाहिए, यावत् चलित कर्म की निर्जरा करते हैं। - श्री भगवती सूत्र व्याख्यान २८६

Loading...

Page Navigation
1 ... 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314