Book Title: Bhagwati Sutra Vyakhyan Part 01 02
Author(s): Jawaharlal Aacharya
Publisher: Jawahar Vidyapith

View full book text
Previous | Next

Page 298
________________ इन्द्रिय वाले जीवों द्वारा खाया हुआ आहार घ्राणन्द्रिय के रूप में, जिह्वा इन्द्रिय के रूप में और स्पर्श-इन्द्रिय के रूप में बार-बार परिणत होता है। चार इन्द्रिय वाले जीवों द्वारा खाया हुआ आहार आंख, नाक, जीभ और स्पर्शनेन्द्रिय के रूप में बार-बार परिणत होता है। श्री भगवती सूत्र व्याख्यान २८७

Loading...

Page Navigation
1 ... 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314