Book Title: Bhagwan Mahavir ki Parampara evam Samsamayik Sandarbh Author(s): Trilokchandra Kothari, Sudip Jain Publisher: Trilok Ucchastariya Adhyayan evam Anusandhan Samsthan View full book textPage 6
________________ क्रम संख्या 1. 2. 3. 4. 5. OO iv विषय- अनुक्रमणिका विषय प्रकाशकीय : सी.पी. कोठारी मंगल- आशीर्वचन : पूज्य आचार्यश्री विद्यानन्द जी प्रस्तावना : डॉ. सुदीप जैन खण्ड - एक : जैनधर्म की पृष्ठभूमि और भगवान् महावीर प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव अन्य जैन तीर्थंकर जैनधर्म का विस्तार खण्ड-द्वितीय : महावीरोत्तर - युग और जैनाचार्य - परम्परा 'श्रुत' या 'आगम' के भेद तीन केवलज्ञानधारी पाँच श्रुतवली दस पूर्वधारी आचार्य श्रुतधराचार्य आचार्य गुणधर आचार्य धरसेन आचार्य पुष्पदन्त आचार्य भूतबलि आचार्य कुन्दकुन्द आचार्य आर्यमक्षु और आचार्य नागहस्ति आचार्य वज्रयश पत्रकार आचार्य यतिवृषभ आचार्य, वप्पदेवाचार्य आचार्यः गृद्धपिच्छाचार्य आचार्य वट्टर आचार्य शिवार्य आचार्य कुमार या स्वामी कुमार अथवा कार्तिकेय सारस्वताचार्य आचार्य समन्तभद्र आचार्य सिद्धसेन आचार्य पूज्यपाद देवनन्दि • आचार्य स्वामी पात्रकेसरी आचार्य जोइंदु आचार्य विमलसूरि आचार्य ऋषिपुत्र पृष्ठ संख्या X xi xiii 1-22 2 7 13 23-93 2222222~~♪~ 25 30 30 34 34 34 35 36 39 39 40 40 43 44 45 45 46 47 47 48 भगवान् महावीर की परम्परा एवं समसामयिक सन्दर्भPage Navigation
1 ... 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 ... 212