Book Title: Bhagwad Gita Vivechanatmak Shabdakosh
Author(s): Prahlad C Divanji
Publisher: Munshiram Manoharlal Publishers Pvt Ltd

Previous | Next

Page 352
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Bhagavad gita Word-Index Pt. II-B (a) 144. द्वेष-(१) इच्छाद्वेष । (२) रागद्वेष ।-(१) इच्छाद्वेषसमुत्थेन। (२) अरागद्वेषतः; रागद्वेषवियुक्तैः । 145. धर्म-(१) अधर्म । (२) कुलधर्म । (३) शाश्वतधर्म ।-(१) अधर्माभिभवात् । (२) उत्सन्नकुलधर्माणाम् । (३) शाश्वतधर्मगोप्ता। 146. धा-एकधा-अनेकधा । 147. ध्यान-ध्यानयोग-ध्यानयोगपरः। 148. न*-Nos. of the Secondary Word-Units having this as one of its componant parts :-2, 3, 5, 11, 12, 13, 14, 16, 26, 36, 38, 39, 44, 50, 66,74, 75, 76, 90, 105, 114, 115, 116, 119, 120, 124, 125, 126, 128. 149. नयन-वक्त्रनयन-अनेकवक्त्रनयनम् । 150. नर-नरलोक-नरलोकवीराः। 151. नाना-नानाशस्त्र-नानाशस्त्रप्रहरणाः। 152. निन्दा-(१) निन्दात्मसंस्तुति। (२) निन्दास्तुति ।-(१) तुल्यनिन्दात्मसंस्तुतिः । (२) तुल्यनिन्दास्तुतिः।। 153. निर्गत-नैष्कर्म्य नैष्कर्म्यसिद्धिम् । 154. निर्धूत-निर्धूतकल्मष-ज्ञाननिषूतकल्मषाः । 155. नेष-बाहूदरवक्त्रनेत्र-अनेकबाहूदरवक्त्रनेत्रम् । 156. पब-कमलपत्र-कमलपत्राक्ष । 157. पर-(१) अपर। (२) परायण।-(१) अपरस्परसम्भूतम् । (२) कामक्रोध. परायणाः; तत्परायणाः; प्राणायामपरायणाः; मत्परायणः; मोक्षपरायणः; श्रुति परायणाः। 158. परिग्रह-सर्वपरिग्रह-त्यक्तसर्वपरिग्रहः । 159. पा (रक्ष)-अधिप-जनाधिपाः; नराधिपम् । 160. पाणि-पाणिपाद-सर्वतःपाणिपादम् । 161. पाद-पाणिपाद-सर्वतःपाणिपादम् । 162. पाल–अवनिपाल-अवनिपालसझैः । For the reason why the other particulars have not been given in the case of this tortinry word-unit see the foot-note under the game unit in the previous section at P.261 supra. 314 For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411