Book Title: Bhagwad Gita Vivechanatmak Shabdakosh
Author(s): Prahlad C Divanji
Publisher: Munshiram Manoharlal Publishers Pvt Ltd

Previous | Next

Page 359
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Tertiary Word-Units Sub-section (B)-Kasmir Recension अ . 1. अध्यात्म-(१) अध्यात्मज्ञान'। (२) अध्यात्मविद्या ।-(१) अध्यात्मज्ञाननिष्ठत्वम् । (२) अध्यात्मविद्याविनिवृत्तकामाः। 2. अन्त-पाणिपादान्त-सर्वतःपाणिपादान्तम् । 3. अन्तर-अन्तरात्मन-उपहतान्तरात्मा। 4. अशुभ--शुभाशुभफल-शुभाशुभफलत्यागी। 5. असत्-असदाह-असद्भाहाश्रिताः । 6. अस्-इष्वास-महेष्वासः । आ 7. आत्मन-अन्तरात्मन्-उपहतान्तरात्मा। 8. माशा-निराशाः-निराशीबन्धनाः । 9. आसक्त-आसक्तचेतस्-सर्वत्रासक्तचेतसाम् । 10. इषु-इष्वास-महेष्वासः । 11. ऋषि-महर्षि-महर्षिसङ्काः । 12. एक-अनेक-अनेकचित्तः। क 13. कर्मन्-(१) कर्मबन्ध। (२) चिन्त्यकर्मन् ।-(1) कर्मबन्धविनिर्मुक्ताः। (२) अचिन्त्यकर्मा । 14. कल्मष-निधीतकल्मष-ज्ञाननिधीतकल्मषाः । 15. काम-विनिवृत्तकाम-अध्यात्मविद्याविनिवृत्तकामाः। 16. किञ्चित्-किञ्चित्क ।-अकिञ्चित्कम् । 17. कृ-किश्चित्क-अकिञ्चित्कम् । 18. कृत-हेतुक-अहेतुकम् । 19. कृत्स्न-कृत्स्नवित्-अकृत्स्नवित् । 20. क्रिया-क्रियाविशेष-क्रियाविशेषबहुलाः। 21. क्षत्र-सर्वक्षत्र-सर्वक्षत्रसमागमे । 1. The dissolution of these compounds will be found in smaller brackets inside that of the primary words, of which they respectively form parts, given in the Index of the secondary units. B.G. I.21 321 For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411