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श्री विरघीलाल सेठी
(i) जो भी उत्पादन हो उसे
सब बाँटकर खायें (ii) अध्यात्मवाद के द्वारा
मानव जीवन संतुलित
किया जा सकता है (iii) परस्पर उपकार करते हुए
जीना ही वास्तविक जीवन (iv) नवीन समाज-रचना स्याद्वाद
पर आधारित हो
डा० जयकिशन प्रसाद खण्डेलवाल
८६
श्री मिश्रीलाल जैन
८८
श्री जवाहरलाल मूणोत
११३
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तृतीय खण्ड आर्थिक संदर्भ
(६५ से ११६) १७. समाजवादी अर्थ-व्यवस्था और महावीर श्री शान्तिचन्द्र मेहता
६७ १८. आर्थिक, मानसिक और आध्यात्मिक गरीवी कैसे हटे ? श्री रणजीतसिंह कूमट
११० १६. महावीर-वाणी में श्रम-भाव की प्रतिष्ठा श्री श्रीचन्द सुराना 'सरस'
चतुर्थ खण्ड राजनीतिक संदर्भ
(११७ से १४६) २०. लोक कल्याणकारी राज्य और महावीर की जीवन-दृष्टि
डा० महेन्द्रसागर प्रचंडिया ११६ २१. शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के विकास-क्रम में महावीर के विचार
श्री हरिश्चन्द्र दक
१२३ २२. गुट निरपेक्षता का सिद्धान्त और
महावीर का अनेकान्त दृष्टिकोण डा० सुभाप मिश्र २३. विश्व-शांति के संदर्भ में ____ भगवान महावीर का संदेश
डा० श्रीमती शान्ता भानावत १३२ २४. वर्तमान नेतृत्व महावीर से क्या सीखे ? श्री सौभाग्यमल जैन २५. महावीर की क्रांति से आज के क्रांतिकारी क्या प्रेरणा लें ? श्री मिट्ठालाल मुरड़िया १४२
पंचम खण्ड दार्शनिक संदर्भ
(१४७ से १६२) २६. भीतर की वीज-शक्ति को विकसित करें!
आचार्य श्री हस्तीमलजी म० सा० १४६ २७. महावीर की दृष्टि में मानव
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