Book Title: Balbodh Pathmala 2
Author(s): Hukamchand Bharilla
Publisher: Todarmal Granthamala Jaipur

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Page 10
________________ Version 001: remember to check http://www.AtmaDharma.com for updates प्रश्न १. यह स्तुति किसकी है ? सच्चा देव किसे कहते है ? २. पूरी स्तुति सुनाइये या लिखिये। ३. उक्त प्रार्थना का प्राशय अपने शब्दों में लिखिए। ४. निम्नांकित पंक्तियों का अर्थ लिखिए: “ज्ञान भानु का उदय करो, मम मिथ्यातम का होय विनास।।" " दूर भगावें बुरी रीतियाँ, सुखद रीति का करें प्रचार।" “ अष्ट करम जो दुःख हेतु हैं, तिनके क्षय का करें उपाय।” पाठ में आये हुए सूत्रात्मक सिद्धान्त-वाक्य १. जो वीतराग , सर्वत्र और हितोपदेशी हो, वही सच्चा देव है। २. जो राग-द्वेष से रहित हो, वही वीतरागी है। ३. जो लोकालोक के समस्त पदार्थों को एक साथ जानता हो, वही सर्वज्ञ है। ४. प्रात्म-हितकारी उपदेश देने वाला होने से वही वीतरागी सर्वज्ञ, हितोपदेशी है। ५. मिथ्यात्व का नाश किए बिना धर्म का प्रारंभ नहीं होता। ६. आठों ही कर्म दुःख के निमित्त हैं, कोई भी शुभाशुभ कर्म सुख का कारण नहीं हैं। ७. ज्ञानी भक्त आत्मशुद्धि के अलावा और कुछ नहीं चाहता। Please inform us of any errors on rajesh@ AtmaDharma.com

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