Book Title: Balbodh Pathmala 2
Author(s): Hukamchand Bharilla
Publisher: Todarmal Granthamala Jaipur

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Page 29
________________ Version 001: remember to check http://www.AtmaDharma.com for updates छात्र पाठ छठवाँ अध्यापक - ठीक तो है। हमें प्रांखों से तो सिर्फ वर्ण ( रंग ) ही दिखाई देता है और वह मात्र पुद्गल में ही पाया जाता है। छात्र द्रव्य – गुरुजी, अम्मा कहती थी कि जो हमें दिखाई देता है, वह तो सब पुद्गल है। यह पुद्गल क्या होता है ? जिसमें स्पर्श, रस, गंध और वर्ण पाया जाय, हैं । यह जीव द्रव्य हैं। • द्रव्य किसे कहते हैं ? वे कितने प्रकार के हैं ? अध्यापक - गुणों के समूह को द्रव्य कहते हैं। वे छह प्रकार के हैं पुद्गल, धर्म, अधर्म, आकाश और काल । - तो क्या द्रव्यों में अजीव नहीं है ? छात्र उसे पुद्गल कहते २५ Please inform us of any errors on rajesh@Atma Dharma.com जीव, अध्यापक - जीव को छोड़कर बाकी सब द्रव्य अजीव ही तो हैं। जिनमें ज्ञान पाया जाय वे ही जीव हैं। बाकी सब प्रजीव ।

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