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छात्र
पाठ छठवाँ
अध्यापक - ठीक तो है। हमें प्रांखों से तो सिर्फ वर्ण ( रंग ) ही दिखाई देता है और वह मात्र पुद्गल में ही पाया जाता है।
छात्र
द्रव्य
– गुरुजी, अम्मा कहती थी कि जो हमें दिखाई देता है, वह तो सब पुद्गल है। यह पुद्गल क्या होता है ?
जिसमें स्पर्श, रस, गंध और वर्ण पाया जाय, हैं । यह जीव द्रव्य हैं।
• द्रव्य किसे कहते हैं ? वे कितने प्रकार के हैं ?
अध्यापक - गुणों के समूह को द्रव्य कहते हैं। वे छह प्रकार के हैं पुद्गल, धर्म, अधर्म, आकाश और काल ।
- तो क्या द्रव्यों में अजीव नहीं है ?
छात्र
उसे पुद्गल
कहते
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जीव,
अध्यापक - जीव को छोड़कर बाकी सब द्रव्य अजीव ही तो हैं। जिनमें ज्ञान पाया जाय वे ही जीव हैं। बाकी सब प्रजीव ।