Book Title: Balbodh Pathmala 2
Author(s): Hukamchand Bharilla
Publisher: Todarmal Granthamala Jaipur

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Page 21
________________ Version 001: remember to check http://www.AtmaDharma.com for updates एक गाँव में एक बारात आई थी। उसके लिए रात में भोजन बन रहा था। अंधेरे में किसी ने देख नहीं पाया और साग में एक साँप गिर गया। रात में ही भोज हुआ। सब बारातियों ने भोजन किया पर चार-पाँच आदमी बोले हम तो रात में नहीं खाते। सब ने उनकी खूब हँसी उड़ाई। ये बड़े धर्मात्मा बने फिरते हैं, रात में भूखे रहेंगे तो सीधे स्वर्ग जावेंगे। पर हुअा यह कि भोजन करते ही लोग बेहोश होने लगे। दूसरों को स्वर्ग भेजने वाले खुद स्वर्ग की तैयारी करने लगे। पर जल्दी ही उन पाँचों आदमियोंने उन्हें अस्पताल पहुंचाया। वहाँ मुश्किल से आधों को बचाया जा सका। यदि वे भी रात में खाते तो एक भी आदमी नहीं बचता। इसलिये किसी को भी रात्रि में भोजन नहीं करना चाहिये। १७ Please inform us of any errors on rajesh@ AtmaDharma.com

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