Book Title: Avashyakiya Vidhi Sangraha
Author(s): Labdhimuni, Buddhisagar
Publisher: Hindi Jainagam Prakashak Sumati Karyalaya

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Page 1
________________ യയ്യയ്യയ്യയ്യയ്യയ്യയ്യയ്യയ്യയ്യയ്യയ ॥ॐ श्रीपंचपरमेष्ठिभ्यो नमः॥ विधिप्रपा-आचारदिनकर-प्रवचनसारोद्धार-आवश्यकबृहबृत्ति तथा साधुविधिप्रकाश आदिसे संगृहीत संविज्ञ साधु-साध्वी योग्य 'आवश्यकीय-विचार-संग्रह' सहित आवश्यकीय-विधि-संग्रह संयोजकश्रीखरतरगच्छगगनांगणनभोमणि श्रीमन्मोहनमुनीश्वरांतेवासि श्रीमद्राजमुनिजी महाराजके शिष्यरत्न श्रीलब्धिमुनिजी महाराज तथा अनुयोगाचार्य पंन्यासप्रवर-श्रीमत्केशरमुनिजी गणिवरके सुशिष्य मुनिश्रीबुद्धिसागरजी महाराज. मुद्रक और प्रकाशकभी हिन्दी जैनागम प्रकाशक सुमति कार्यालय जैन प्रेस, कोटा (राजपूताना). वरिसंवत् २४६२. अमूल्य भेट. विक्रम संवत् १९९३. लन्डन्न्ान्ाहन्छन् Eleळहन्नन् Jain Education International 2010_05 For Private & Personal use only www.jainelibrary.org

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