Book Title: Avashyakiya Vidhi Sangraha
Author(s): Labdhimuni, Buddhisagar
Publisher: Hindi Jainagam Prakashak Sumati Karyalaya

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Page 140
________________ CAT साधुसाध्वी आवश्यकीय विधि // 136 // अनुक्रम २२-मंडली रचना विधिः " 51 / ५-आहार-दोष विचार .. 60 | १०-संडाशक-प्रमार्जन-विचार . 91 |६-मुहपत्ति-पडिलेहण-विचार " 74 | ११-असज्झाय-विचार आवश्यकीय विचार संग्रहः ७-उपकरण विचार ( साधु के १२-प्रकीर्णक-विचार 106 १-काउसग्ग-दोष विचार .. 14 उपकरण) "" 78 | १३-सूतक विचार ... 112 २-वांदणे देनेका विचार .. (साध्वी के 25 उपकरण) 83 | १४-बारह व्रत तथा सर्व तपस्या ३-छम्मासी तप चिंतन विचार. ५७/८-स्थंडिल-पडिलेहण-विचार ... 86 | उच्चारण विधिः ... 118 ४-सिजातर-विचार " 59 / ९-पंचमहाव्रत-भावना-विचार " 87 | १५-सर्व तपस्या पारण विधिः...१३२ सूचनाः-पर्यंत आराधना विधि, महापारिहावणिया विधि, अंतिम देव-बंदन विधि और श्रावक कर्त्तव्य इन चार विधियों गावत पृष्ठ 52 की सूचना देख लेना। // 13 // Jain Education Intel For Private & Personal use only ollwww.jainelibrary.org

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