Book Title: Avashyak Sutram Part 04
Author(s): Punyakiritivijay
Publisher: Shripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust
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________________ श्रीआवश्यक नियुक्तिभाष्यश्रीहारि० वृत्तियुतम् भाग-४ आवश्यक निर्युक्तेर्विषयानुक्रमः // 2 // क्रमः विषयः सूत्रम् भाष्यः नियुक्तिः पृष्ठः / क्रमः विषयः सूत्रम् भाष्य: नियुक्तिः पृष्ठः काउस्सग्ग। 32(33) - - 1375 / अरिहंता 34(35) - 1389 5.11 तस्स उत्तरीकरणेणं० 5.21 पुक्खरवरद्दीवहे। 35(36) - 1392 अन्नत्था 33(34) - - 1376 5.22 सिद्धाणं बुद्धाणं। 36(37) - 1394 5.12 एकमनसोऽतिचारज्ञानं 5.23 वर्द्धमानस्तुतित्रयम्। - 524 1396 ततः शुद्धिश्च / - 1497 1378 5.24 दैवसिकरात्रिकयोः 5.13 दिवसातिचाराः। - - 1498 1379 . कायोत्सर्गव्यत्ययः, 5.14 मुखवस्त्रिकादितोऽतिचार षण्मासीतपश्चिन्तनम् / - - 1525-27 1397 चिन्तनं ध्यानं च। - - 1499-1500 1380 5.25 क्षामणेषु गुरुवाक्यानि / - - 1528 1397 5.15 दैवसिकादी गमत्रयं 5.26 क्षामणासूत्रम्। 37(38) - - 1399 तच्छङ्कासमाधाने। - - 1501-1504 1380 5.27 पाक्षिकक्षामणा- 38-41 5.16 मिथ्यादुष्कृताक्षरार्थः।- - 1505-1506 1382 सूत्राणि। (39-42) - 1400 5.17 उत्तरप्रायश्चित्तादिव्याख्या / - - 1507-1509 1382 5.28 दैवसिकादिकायो- - 234-2351529-1532 5.18 उच्छ्रासाद्यनिरुम्भणं-, त्सर्गमानम्। (232-233) 1403 वातनिसर्गादौ यतना, अग्न्याधाकाराः। - - 1510-1516 1383 5.29 गमनागमनादी भुक्तादौ विहारे 5.19 ससूर्ये भूमि प्रेक्ष्य काले उद्देशादौ च कायोत्सर्गः, दुःस्वप्ने कायोत्सर्गः, गुरोर्द्विगुणं दैवसिकं नावुत्तारादौ च प्रतिक्रमणविधिः। - - 1517-1523 1385 कायोत्सर्गः। - 236(234)1533-38 1404 5.20 सव्वलोए 5.30 पादसमा उच्छासाः। - 1539 1407

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