Book Title: Arhat Vachan 1999 07
Author(s): Anupam Jain
Publisher: Kundkund Gyanpith Indore

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Page 2
________________ संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के विशाल मुनिसंघ सहित दिगम्बर जैन उदासीन आश्रम, इन्दौर एवम् कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर में प्रथम शुभागमन (29.7.99 ) के अवसर पर समस्त मुनिसंघों के चरणों में शतश: नमन मुखपृष्ठ चित्र परिचय केन्द्रीय इलेक्ट्रानिकी अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (C.E.E.R.I.) के सेवानिवृत्त वैज्ञानिक डॉ. जिनेश्वरदास जैन 1995 से कम्बोडिया के जैन मन्दिरों पर अनुसंधान कार्य कर रहे हैं। आपने 23.3.98 को कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर में 'कम्बोडिया के पंचमेरू मन्दिर' विषय पर अपना रोचक एवं सारगर्भित व्याख्यान दिया था। इसी समय आपने इन मन्दिरों पर तैयार किया गया एक विस्तृत मोनोग्राफ भी ज्ञानपीठ को प्रस्तुत किया था। सम्प्रति श्री भारतवर्षीय दिगम्बर जैन (तीर्थ संरक्षिणी) महासभा ने डॉ. जैन की एक कृति 'अंगकोर के पंचमेरू मन्दिर इतिहास के नवीन परिप्रेक्ष्य में प्रकाशित की है। 64 पृष्ठीय इस लघु पुस्तिका में प्रकाशित 31 चित्रों में से अधिकांश आर्ट पेपर पर मुद्रित हैं। यह नयनाभिराम चित्रावली ही कम्बोडिया में जैन संस्कृति के व्यापक प्रचार प्रसार की कहानी कह रही है। भारत के अनेक प्रसिद्ध जैन तीर्थों को नाम साम्य के आधार पर कम्बोडिया में खोजने के डॉ जे. डी. जैन के प्रयास से भले ही कोई सहमत हो या न हो किन्तु कम्बोडिया में जैन संस्कृति समृद्ध रूप में रही है, इसमें कोई सन्देह नहीं 1 मुखपृष्ठ पर प्रकाशित चित्र केन्द्रीय संग्रहालय कम्बोडिया में संग्रहीत भगवान पार्श्वनाथ का है, जो उक्त पुस्तक के पृष्ठ क्रमांक 35 पर प्रकाशित है। सम्पादक —

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