Book Title: Apaschim Tirthankar Mahavira Part 02
Author(s): Akhil Bharat Varshiya Sadhumargi Jain Sangh Bikaner
Publisher: Akhil Bharat Varshiya Sadhumargi Jain Sangh

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Page 225
________________ अपश्चिम तीर्थकर महावीर, भाग-द्वितीय : 267 अनुत्तर ज्ञानचर्या का प्रथम वर्ष संदर्भ 1. क. आचारांग सूत्र, द्वितीय श्रुत स्कन्ध, अध्ययन 15, आ शीलांक वृत्ति, प्रका हर्ष पुष्पामृत जैन ग्रन्थमाला, गुजरात, सन् 1980, पत्रांक 8871 ख. दृष्टव्य · जिणधम्मो, आ. श्री नानेश, प्रका, श्री अ भा साधुमार्गी जैन सघ, बीकानेर, तृ.सं. 2002, पृष्ठ 29। नानेश वाणी, निर्ग्रन्थ परम्परा में चैतन्य-आराधना, आ. श्री. नानेश, भाग 47, प्रका. श्री अ भा सा जैन संघ, बीकानेर, द्वि सं 2006, पृष्ठ 101 घ. तीर्थंकर महावीर, युवा श्री मधुकर मुनि, प्रका. सन्मति ज्ञानपीठ, आगरा, प्र.सं. 1974, पृष्ठ 1811 ड. श्री महावीर चारित्र, आ. गुणचन्द्र, सप्तम प्रस्ताव, प्रका जैन आत्मानंद सभा, भावनगर, वि स 1994, पृष्ठ 3651 च श्रमण भगवान् महावीर, पुरातत्ववेत्ता प कल्याण विजय, प्रका श्री क वि शास्त्र संग्रह समिति, जालोर, प्र.सं. वि.सं. 1998, पृष्ठ 47। छ. तीर्थकर महावीर भाग 1, श्री विजयेन्द्रसूरि, प्रका काशीनाथ सराक, बम्बई (अन्धेरी) प्र.सं. 1960, पृष्ठ 2521 ज. श्री महावीर कथा, सम्पा. गोपालदास जिवाभाई पटेल, प्रका. जैन साहित्य प्रकाशक समिति, अहमदाबाद, प्र.सं सन् 1941, पृ. 2071 झ गणधरवाद, लेखक दलसुख भाई मालवणिया, सम्पा महो विनय सागर, प्रका सम्यज्ञान प्रचारक मण्डल, जयपुर, प्र.सं. सन् 1982, पृष्ठ 201 ब तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परम्परा, लेखक डॉ नेमिचंद शास्त्री, प्रका श्री भारतीय दिगम्बर जैन विद्वत परिषद्, प्रस सन् 1974, पृ. 1801 2. जीवाजीवाभिगम, तृतीय प्रतिपत्ति, आचार्य मलयगिरि वृत्ति, आगमोदय समिति, बम्बई, प्र.सं. सन् 1919, प्रत्रांक 3941 3. जीवाजीवाभिगम, वही, पत्रांक 398-991 4. प्रज्ञापनोपाङ्गम्, पूर्वार्द्ध, आ मलयगिरि, आगमोदय समिति, बम्बई, सन 1918, पत्रांक 1011 वृहत्संग्रहणी, लेखक चन्द्रसूरि, अनु श्री यशोदेव सूरि, प्रका. श्री मुक्ति कमल मोहन जैन ज्ञान मंदिर, प्र.स 1993, वैमानिक अधिकार, गाथा 109-10, पृ. 2891 6 जीवाजीवाभिगम, आ. मलयगिरि, तृतीय प्रतिपत्ति, वही, वैमानिक उद्देशक, पत्रांक 386-871 5

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