Book Title: Apaschim Tirthankar Mahavira Part 02
Author(s): Akhil Bharat Varshiya Sadhumargi Jain Sangh Bikaner
Publisher: Akhil Bharat Varshiya Sadhumargi Jain Sangh

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Page 234
________________ 276 : अपश्चिम तीर्थंकर महावीर, भाग-द्वितीय अभिसमेक्ख पुव्व देवाण धम्ममाइक्खति तओ पच्छा मणुस्साणं, आचारांग 3, 15,411 97 दृष्टव्य - बौद्ध साहित्य का लकावतार सूत्र । · 98 दीघनिकाय, सामञ्ञफलसुत्त, पृ 16-22, हिन्दी अनुवाद | 99 भागवत पुराण 10, 2, 401 100 क समवायांग, अभयदेववृत्ति, वही, सूत्र 147, पृ. 129-321 ख नंदीसूत्र, देववाचक, मलयगिरि वृत्ति, आगमोदय समिति, सन 1924, सूत्र 57,. 235-541 101 समवायांग, अभयदेववृत्ति, वही, पृ 421 102 कल्पसूत्र, भद्रबाहु, समयसुदरगणिवृत्ति, प्रका श्री जिनदत्तसूरि पुस्तकोद्धार फण्ड, सूरत, सन् 1939, पृ 211-141 103 आवश्यकचूर्णि भाग 1-2, रतलाम। , 104 आवश्यक निर्युक्ति, 3691 105 आवश्यकवृत्ति, मलयगिरि, भाग- III, आगमोदय समिति, सन् 1916, पृ 596-6011 106 चउपन्नमहापुरिस चरियं, आ. शीलांक (सम्पूर्ण) । 107 त्रिषष्टिरलाकापुरूष चारित्र (सम्पूर्ण) । 108 Agama Aura Tripitaka Eka Anuslana, Muni Shri Nagarajajl, Today and Tomarrow's Printers and Publishers, Delhi, 1986, Volume I, Page-79 109 अनेक विद्वान इसे वीर निर्वाण 960 की रचना मानते है परन्तु वह शास्त्र लेखन का समय है, रचना का नही। 110 मध्यकालीन भारतीय संस्कृति, श्री गौरीचंद हीराचंद ओझा, सन् 1951, पृ 131 111 भगवती सूत्र, प्रथमो विभाग., अभयदेवसूरिवृत्ति, 5, 9, सूत्र 227, पत्राक 2481 112 मज्झिमनिकाय 56, अंगुत्तर निकाय । 113 सूत्रकृतांग चूर्णि, जिनदासगणि, श्री ऋषभदेवजी केशरीमल जी श्वेताम्बर सस्था, सन् 1941, पृ117-1861 114 क औपपातिक, अभयदेव वृत्ति, आगमोदय समिति, सन 1916, पत्राक 9-221 ख विश्व इतिहास की झलक, जवाहरलाल नेहरू, प्रका. सस्ता साहित्य मण्डल प्रकाशन, दिल्ली, द्वि स. 1952, पृ. 351 · 115 उत्तराध्ययन, शान्त्याचार्य, वृहद्वृत्ति, प्रका देवचन्द लालभाई, सन् 1917, पत्राक 4731 ·

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