Book Title: Apaschim Tirthankar Mahavira Part 02
Author(s): Akhil Bharat Varshiya Sadhumargi Jain Sangh Bikaner
Publisher: Akhil Bharat Varshiya Sadhumargi Jain Sangh

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Page 252
________________ दरवाजा वेदिका वे कागरावाला को गोल विमान कागरावाला कोट त्रिण पोखहु विमान ४दरवाजा कामरावाला कोट 1 विमान से १दरवाजा ३दरवाजा दरवाजा FIPN412 - ::३ वैदिका विमाण-विमान उ AKTATUETO आ.la RUS सXIN.AN. EN आवलिकाबध वि. : .. MER .. 4 SO HOME आधार-वृहत्सग्रहणी ' विमान अर्थात् वैमानिक देवताओ के निवास स्थान .- वे निवास स्थान दो तरह से रहे हुए है । एक पुष्पावकीर्ण है (जो विखरे हुए फुलो के आकार में है) और दूसरे आवलिक अर्थात् पंक्तिबद्ध है, , पक्तिवद्ध विमाना की आकृति तीन प्रकार की होती है- 1 गोल, 2. त्रिकोण, 3 चतुपकोण है। गोल म एक दरवाजा, त्रिकोण में तीन दरवाजे और चतुषकाण में चार दरवाजे है- गोल विमान म चारा तरफ कंगुरे वाला काट है। त्रिकोण विमान क दो तरफ कोट और एक तरफ वेवडा (पद्मवत वेदिका) है, चतुषकाण विमान के चारा तरफ वेदिका है।

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