Book Title: Anusandhan 2012 03 SrNo 58 Author(s): Shilchandrasuri Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad View full book textPage 6
________________ अनुक्रमणिका स्तम्भनकपुरमण्डन पार्श्वनाथ स्तोत्रयुगलः सं. अमृत पटेल १ नवग्रह-स्तम्भनकपार्श्वदेवस्तवः सं. अमृत पटेल ५ श्रीकनककुशलगणि-रचिता श्री रत्नाकरपञ्चविंशतिका-वृत्तिः साध्वी समयप्रज्ञाश्री १५ श्रीजिनवल्लभसूरिरचितं प्रश्नोत्तरशतम् (सटीकम्) सं. मुनि रत्नकीर्तिविजय मुनि त्रैलोक्यमण्डनविजय ३३ शासनसम्राट-श्रीविजयनेमिसूरिजी-विरचिता अनेकान्ततत्त्वमीमांसा सं. मुनि त्रैलोक्यमण्डनविजय ८० गङ्गातैलीदृष्टन्तः सं. मुनि रत्नकीर्तिविजयः ९८ श्री जयरत्नकृत-सच्चायिका बत्तीसी सं. म. विनयसागर १०१ श्रीरत्नविजयजी रचित दो स्तवन सं. म. विनयसागर १०५ श्रीधनेश्वरसूरिजी रचित संवेगकुललम् सं. म. विनयसागर १०८ नवतत्त्व साहित्य अने एक अप्रगट चोपाई सं. मुनिसुयशचन्द्र सुजसचन्द्रविजयौ १११ श्रीनवतत्त्व-विषयक संस्कृत-प्राकृत साहित्य सं. मुनिसुयशचन्द्र-सुजसचन्द्रविजयौ १२२ जैन कथा साहित्य : एक समीक्षात्मक सर्वेक्षण प्रो. सागरमल जैन १३२ निह्नव रोहगुप्त, श्रीगुप्ताचार्य अने त्रैराशिकमत मुनि त्रैलोक्यमण्डनविजय १४६Page Navigation
1 ... 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 ... 175