Book Title: Anusandhan 2010 06 SrNo 51
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 121
________________ १९४ जून २०१० १९५ १९८ १९८ १३५ १०९ शीलचन्द्रसूरिजी शीलचन्द्रसूरिजी शीलचन्द्रसूरिजी शीलचन्द्रसूरिजी शीलचन्द्रसूरिजी शीलचन्द्रसूरिजी शीलचन्द्रसूरिजी शीलचन्द्रसूरिजी शीलचन्द्रसूरिजी शीलचन्द्रसूरिजी शीलचन्द्रसूरिजी शीलचन्द्रसूरिजी शीलचन्द्रसूरिजी w w वाचक उमास्वातिनां बे पद्य हीरविजयसूरिजीना समाधिस्थल विषे यशोविजयवाचकनां पगलां एक अप्रकट मूर्तिलेख भगवान महावीरना आहार सम्बन्धी भ्रमणा योगबिन्दुवृत्तिना (गा. ४२७) एक पाठनी समस्या षड्दर्शनसमुच्चय-ना कोकुलकाण्ठेविद्धि० वाक्य विशे हेमाचार्यकृत ज्ञानसार विनयविजयजी उपाध्यायनी शिष्यपरम्परा विशे बे भिन्न कर्ताओनी तुल्य कल्पनानां बे उदाहरण जैन धर्म विशे भ्रान्त धारणाओ पतियाला-ना राजमहेलमां जैन भींतचित्र ते धन्ना - स्तोत्र विशे गुजरातना इतिहासलेखनमां रही जता मुद्दाओ (- नरोत्तम पलाण, बुद्धिप्रकाश,मार्च-२००४) लेख विशे चर्चा उपधानप्रतिष्ठापंचाशक विषे कन्धारान्वय विषे भुवनहिताचार्य ६२ १०६ १०६ १०६ १०८ हसु याज्ञिक, शीलचन्द्रसूरिजी शीलचन्द्रसूरिजी शीलचन्द्रसूरिजी विनयसागरजी ४४

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