Book Title: Anusandhan 2010 06 SrNo 51
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 120
________________ ८ ८० ८१ ११६ ११९ शीलचन्द्रसूरिजी शीलचन्द्रसूरिजी हरिवल्लभ भायाणी हरिवल्लभ भायाणी हरिवल्लभ भायाणी हरिवल्लभ भायाणी हरिवल्लभ भायाणी १२० १२० १२१ १२८ शीलचन्द्रसूरिजी ७७ एक नोंधपात्र पुस्तकनी प्रशस्ति हेमचन्द्राचार्ये प्रतिष्ठित प्रतिमा ओष्ठय म् पछी उ के ओ-नो अ बे कहेवत' विधवाने रातो साडलो पहेरवानी रूढि पृथ्वीराज-रासो-नी मूळ भाषा व्यवहारभाष्य-मांना केटलाक देश्य शब्दो पर टिप्पण व्यवहारभाष्य-नी एक गाथानी पाठचर्चा - लक्खणजुत्ता पडिमा... (२६३५) हेमचन्द्राचार्यरचित कृष्णगोपीना प्रणयने लगतुं एक मुक्तक - रंजणथणिमरयवलिं (१९७४, देशीनाममाला) बे परम्परानो एक समान पौराणिक कथाघटक श्राद्धदिनकृत्यना कर्ता विशे ऊहापोह गुजरातीमां महाप्राण व्यंजननो अल्पप्राण थवो बीरबलनां रींगणां मस्तकलेख पांच पंक्तिनो कलश १) घी ढोलायुं ते खीचडीमां, चणानी जेम मरी न चवाय. ७८ ८८ ११८ हरिवल्लभ भायाणी हरिवल्लभ भायाणी शीलचन्द्रसूरिजी हरिवल्लभ भायाणी शीलचन्द्रसूरिजी शीलचन्द्रसूरिजी शीलचन्द्रसूरिजी १२४ १५ ९६ अनुसन्धान ५१

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