Book Title: Anusandhan 2010 06 SrNo 51
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 119
________________ ६६ जून २०१० शीलचन्द्रसूरिजी भुवनचन्द्रजी हरिवल्लभ भायाणी हरिवल्लभ भायाणी शीलचन्द्रसूरिजी शीलचन्द्रसूरिजी शीलचन्द्रसूरिजी शीलचन्द्रसूरिजी भुवनचन्द्रजी १०४ १०५ १०६ १०७ नखच्छोटिका, ढौक, सुखासिका / दुःखासिका, ललते पाण्डवचरित्र-बालावबोध-ना थोडाक शब्दप्रयोगो विशे। मीण-प्रत्ययवाळां अर्धमागधी वर्तमान कृदन्तो जुगाइजिणिंदचरियं-ना एक पद्यनो आधार उपाध्याय श्रीयशोविजयजीना अन्तिमसमय तथा समाधिस्थल विशे हेमचन्द्राचार्यनी शिष्यपरम्परा विशे अजारा तीर्थना चैत्यनी प्राचीनता उवहाण-पइठ्ठा-पंचासग-ना कर्ता विशे ऊहापोह मुनि प्रेमविजयजीनी टीपना गुजराती शब्दो हेमचन्द्राचार्यनी काव्यव्युत्पत्तिसूचक एक वधु उदाहरण - एतम्मि महायत्ते..... (देशी० ६-११०) । प्रबन्धचिन्तामणि-गत एक अनुप्रासनी युक्तिवाळु पद्य - शीतत्रानपटी... सिद्धहेम-ना एक अपभ्रंश दोहार्नु अर्वाचीन रूपान्तर - सामीपसाउ सलज्जु... शत्रुजयमंडन-ऋषभदेव-स्तुति : थोडी पूर्ति चंदप्पहचरियं (-हरिभद्रसूरिजी) नी एक दृष्टान्तकथा ललितांगचरित्र : एक उत्तरकालीन विरल रासाबन्ध 77 99999999999 हरिवल्लभ भायाणी ११० हरिवल्लभ भायाणी १११ ११२ ११४ हरिवल्लभ भायाणी जयन्त कोठारी सलोनी जोषी हरिवल्लभ भायाणी ११६ १२९ ११५

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