Book Title: Anusandhan 2008 06 SrNo 44
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 101
________________ ९४ अनुसन्धान ४४ ५९-नियाणाना कारण कहूं. गायनइ प्रयोगइ. जूयनइ प्रयोगि. संग्रामनइ प्रयोगि. स्त्रीना पगथी. भार्याना प्रयोगथी. रागनी गोष्टिनइ प्रयोग. पारकी ऋद्धि देखीनइ. माताना द्वेष थकी ॥ १२८ ॥ ६०- आगति नाम महसुक्का १ पाणय २ लं - तगाओ ३ सहसारओ य ४ माहिंदा ५ । बंभा ५ सोहम्म ७ सणं- कुमार ८ नवमो महासुक्को ९ ॥ १२९ ॥ ६०-नव वासुदेव किहां थकी आव्या. महाशुक्र सातमाधी. प्राणत दशमाथी. लांतक छट्टाथी. सहस्रार ८मा हुंती. माहेंद्र चउथा हुंती. ब्रह्म हुंती. सुधर्म हुंती. सनत्कुमार हुंती. नवमो महाशुक्र हुंती. ॥ १२९ ॥ ६१. राम पूर्वगति नाम तिन्नेव अणुत्तरेहिं ३ तिन्नेव भवे तहा महासुक्का ६ । अवसेसा ३ बलदेवा अणंतरं बंभलोगचुया ९ ॥१३०॥ ६१-बलदेवनी पूर्वगतिना किहां हुंती आव्या. प्रथम त्रिणि बलदेव अनुत्तर विमान हुंती. आगिला तीन बलदेव महाशुक्र देवलोक हुंती. शेष त्रिणि बलदेव आंतरा रहित ब्रह्मदेवलोक पांचमा हुंती आव्या. ॥१३०॥ ६२ परियाओ पव्वया(ज्जा)भावाओ नत्थि वासुदेवाणं । होइ बलाणं सो पुण पढमाणुओगाओ नायव्वो ॥१३१॥ ६२ - दीक्षानओ कालमान कहइ छइ. दीक्षा लेवाना अभाव माटइ न होइ वासुदेवनइ. अनइ बलभद्र दीक्षा कालिमान प्रथमाणुयोग पूर्वगति सूत्री जाणिवा. ॥१३१॥ ६३ - वासुदेव गति नाम एगो य सत्तमा १ पंच य छट्ठी ६ पंचमी एगो ७ । एगो य चत्थी ८ किण्हो पुण तच्चपुढवीए ९ ॥१३२॥ ६३-वासुदेव ९ किहां गया ते कहइ छइ. प्रथम वासुदेव सातमी नरक गयओ. आगला पांच वासुदेव छट्ठी नरक. सातमो पांचमी नरक गयओ. आठमो Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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