Book Title: Anusandhan 2000 00 SrNo 16 Author(s): Shilchandrasuri Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad View full book textPage 5
________________ 227 अनुक्रणिका १. श्रीधनहर्षशिष्यकृत-विज्ञप्तिका लेख -विजयशीलचन्द्रसूरि 1 २. भुवनसुन्दरी कथायां वर्णितानि सामुद्रिकशास्त्रकथितलक्षणानि -विजयशीलचन्द्रसूरि 28 ३. श्रीविमलसूरिकृत-देशीनाममालोद्धारः -सा. दीप्तिप्रज्ञाश्री 32 ४. ललितविस्तर -डॉ. प्रीतम सिंघवी 217 ५. व्यंग्यहीयाली -श्री भवरलाल नाहय 224 ६. केटलांक संशोधनो-प्रकाशनो विषे माहिती ७. माहिति विभाग १. मुनिश्रीजंबूविजयजीए हाथ धरेली योजना -हरिवल्लभ भायाणी 230 २. जैनविद्या -हरिवल्लभ भायाणी 231 ३. पाणिनिकृत-अष्टाध्यायी -हरिवल्लभ भायाणी 231 ४. 'जैन साहित्यनो संक्षिप्त इतिहास'- नवसंस्करण -जयंत कोठारी ५. प्राचीन-मध्यकालीन साहित्य -जयंत कोठारी ८. पत्रचर्चा (१) विहंगावलोकन -मुनि भुवनचन्द्र 236 (२) सारस्वतोल्लास : एक दृष्टिपात -मुनि भुवनचन्द्र 240 श्रद्धांजलि (१) पं. श्रीदलसुख मालवणिया 245 (२) पं. श्रीअमृतलाल भोजक 234 संग्रह 235 247 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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