Book Title: Angavijja
Author(s): Punyavijay, Vasudev S Agarwal, Dalsukh Malvania
Publisher: Prakrit Granth Parishad

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Page 6
________________ प्राकृत ग्रन्थ परिषद् ग्रन्थाङ्क १ पुवायरियविरइया अंगविजा [ मणुस्सविविहचेट्ठाइणिरिक्खणदारेण भविस्साइफलणाणविण्णाणरूवा ] परिसिट्ठाइविभूसिया संशोधकः सम्पादकश्च मुनिपुण्यक्जियः [जिनागमरहस्यवेदि-जैनाचार्यश्रीमद्विजयानन्दसूरिवर (प्रसिद्धनाम-श्रीआत्मारामजीमहाराज) शिष्यरत्न-प्राचीनजैनभाण्डागारोद्धारक-प्रवर्तकश्रीकान्तिविजयान्तेवासिनां श्रीजैन आत्मानन्दग्रन्थमालासम्पादकानां मुनिप्रवरश्रीचतुरविजयानां विनेयः ] प्रकाशिका प्राकृत ग्रन्थ परिषद्, वाराणसी--५ प्रथमावृत्ति प्रतयः १००० वीरसंवत् २४८४ विक्रमसंवत् २०१४ ईस्वोसन् १९५७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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