Book Title: Anekant 2009 Book 62 Ank 03 to 04
Author(s): Jaikumar Jain
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 143
________________ अनेकान्त 62/4, अक्टूबर-दिसम्बर 2009 19. आदिपुराण 4/163 20. वही 42/5 21. वही 38/272 22. वही 42/113 23. वही 17/32 24. वही 42/139 25. वही 42/143 26. वही 42/146-152 27. वही 42/153-152 28. वही 42/161-163 29. आचार्य सोमदेवः नीतिवाक्यामृत 8/21-2430. आदिपुराण 42/174-178 31. वही 42/179-184 32. वही 42/199-203 33. आचार्य जटासिंहनन्दिः वरांगचरित 1/48-4934. वही 1/50 35. वही 1/54 36. वही 2/10 37. वही 2/30 38. वही 13/34 39. वही 15/50 40. वही 19/9 41. वही 24/1, 22/18 42. वही 28/1 43. वही 28/68 44. वही 22/4 45. वही 22/76 46. वही 22/5 47. वही 22/6 48. वही 22/8 49. वही 22/21 - जैन मंदिर के पास, बिजनौर (उ.प्र.) पाठकों से अनुरोध है कि आपको अनेकान्त पत्रिका में छपे लेख कैसे लगे ? अपने सुझाव और टिप्पणी से अवगत करावे ताकि हम उसे पाठकीय प्रतिक्रिया के अन्तर्गत प्रकाशित कर सके। वीर सेवा मंदिर (जैन दर्शन शोध संस्थान) के पुस्तकालय का डिजीटलाईजेश्न का कार्य चल रहा है, जिसके अन्तर्गत आगम, प्राचीन हस्तलिखित शास्त्रों, जैन शोध पत्रों, जैन संस्कृति के प्राचीन चित्रों इत्यादि को सुरक्षित किया जा रहा हैं। सुधी पाठकों से अनुरोध है कि यदि उनके पास या निकटस्थ मन्दिरजी में इस प्रकार की कोई सामग्री प्राप्त हो तो संस्था के पते या ई-मेल पर भेजकर या सूचना प्रदानकर प्राचीन धरोहरों को सुरक्षित करने में सहयोग करें। के पश्चात् उनको वापस भेज दिया जाएगा।

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