Book Title: Anekant 1945 Book 07 Ank 01 to 12 Author(s): Jugalkishor Mukhtar Publisher: Veer Seva Mandir Trust View full book textPage 2
________________ man मकान्त सम्पादक-जुगलकिशोर मुख्तार - वीरशासन-महोत्सवपर पधारनेवालोंसे श्रा व श्य क निवेदन %3D Homuperies ता० ३१ अक्तूबरमे ४ नवम्बर सन् १९५४ तक कलकत्तामें श्री वीरशासनका मार्धद्वय-सहस्त्रागि । महोत्सव तथा भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटीका अधिवेशन गवराजा मर संठ हुकमचन्दजी इन्दौर के मभापतित्वमे होगा। इस अवसरपर पधारनेवाले महानुभावोंसे निवेदन है कि वे जितना भी शीघ्र होमके अपने आने के इरादे और साथियोंकी संख्यामं निम्न पतेपर सूचित करने की कृपा करें, जिससे उनके लिये ठहरने के स्थान और खाद्य पदार्थों का समुचित प्रबन्ध किया जा सके। क्योंकि युद्ध-परिस्थितिके कारण कलकत्तामें जैसी कुछ व्यवस्था चल रही है उसके कारण दोनोंका एकदम समयपर प्रबन्ध होना कठिन है। पहले मे सूचना मिलनेपर ही सिविल समाई आफिम आदिके द्वारा हम योग्य प्रबन्ध करने में समर्थ हो सकेंगे। आशा है आगन्तुक महानुभाव इसपर अवश्य ही ध्यान देनेकी कृपा करेंगे। विषय-सूची १ वीरशासनाभिनन्दन बोटेलाल जैन, २ वीरकी लोकसेवा ३ तुम महान मानव (कविता) ४ कूर्षकोका सम्प्रदाय मंत्री वागतसमिति ५ नागार्जुन और पमन्तभद्र 1. चित्तरंजन एवेन्यू, कारता ६ सन्देश-दात्री ७ जैनसंस्कृति के प्राण तारका पना८ शिवभूनि, शिवाय और शिषकुमार १७ सिद्धान्त कता १ बालोकसेवा (कविता) वर्ष अगस्त-सितम्बर १९४४Page Navigation
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