________________
वर्ष ३, किरण ६ ]
साहित्य सम्मेलन की परिक्षाओं में जैन-दर्शन
द्वितीय प्रश्न पत्र
पाठ्य ग्रंथ - १ तत्त्वार्थसूत्र हिन्दी ( पं० सुखलालजी)
२- द्रव्य संग्रह - हिन्दी (नेमिचन्द्र सिद्धान्त चक्रवर्ती) अनु० पं० पन्नालालजी ।
सहायक ग्रंथ - १ निर्ग्रन्थ प्रवचन ( गाथाएँ कंठस्थ नहीं) मुनि श्री चौथमलजी संग्रहीत |
२ - कुन्दकुन्दाचार्य, समन्तभद्र, अकलंकदेव, प्रभाचन्द्र, नेमिचन्द्र आदिका जीवन चरित्र ( संक्षिप्त ) वीर पाठावलि ( कामताप्रसादजी कृत) के आधारसे अथवा अन्य आधारसे ।
३ - सिद्धसेन दिवाकर, उमास्वाति, हरिभद्र, हेमचंद्र, यशोविजय श्रादिका जीवन चरित्र ( अनेकांत वर्ष २ और ३ की फाइलों के श्राधारसे)
परीक्षार्थियों को जैन समाजकी सामयिक स्थितिका ज्ञान प्राप्त करनेके लिये निम्न लिखित पत्र पत्रिकाओंका श्रध्ययन करते रहना चाहियेः – १ अनेकांत (न्यू देहली) - २ जैन मित्र (सूरत) ३ जैन संदेश (आगरा ) ४ जैन (भावनगर) ५ जैन प्रकाश (बम्बई) ६ जैन युग (बम्बई)
कोंका क्रमः - पाठ्यय ग्रंथ ७० अंक और सहायक ग्रंथ तथा पत्रपत्रिकाओंका अध्ययन ३० अंक
उत्तम परीक्षा दर्शन - विषयक चतुर्थ प्रश्नपत्र
१ " स्याद्वादमंजरी - हिन्दी - (श्री जगदीशचन्द्रजी संपादित)
४१३
२ प्रमाण मीमांसाकी हिन्दी टिप्पणियाँ (पं० सुखलालजी)
३ श्रसमीमांसा मूल (श्री समंतभद्राचार्य) ४ कलंक - ग्रंथत्रयकी प्रस्तावना ।
( पं० महेन्द्रकुमारजी न्यायाचार्य )
५ सूत्र कृतांग, हिन्दी ( स्थानकवासी कान्फ्रेन्स वाला)
नोट - इस लेखमें जो पाठ्यक्रम दिया है वह अभी बहुत कुछ विचारणीय है- उसमें कितनी ही त्रुटियाँ जान पड़ती हैं । दिगम्बर और श्वेताम्बर सभी शिक्षा शास्त्रियों को उस पर गंभीरता के साथ विचार करना चाहिये, और अपना अपना संशोधन यदि कुछ हो तो उसे शीघ्र ही उपस्थित करना चाहिये । साथ ही पाठ्यक्रम को निर्धारित करते समय परीक्षा समितिके इस प्रस्ताव वाक्य पर खास तौर से ध्यान रखना चाहिये कि "पुस्तक ऐसी होनी चाहिये जिसमें विवादास्पदविषय न हो ।" बाकी यह अपील संयोजक महोदय की - बहुत समुचित है कि जिन प्रकाशकोंकी पुस्तकें पठनक्रममें रखनेके लिये परीक्षा समितिको भेजने की जरूरत हो उनकी तीन तीन कापियाँ वे सूचना पाते ही भेज देनेकी कृपा करें और इस तरह इस शुभ कार्यमें अपना सक्रिय सहयोग प्रदान करें ।
सम्पादक