Book Title: Anekant 1940 04
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 50
________________ Register_No. L 4328. SEXOXOXOXOXOXOXOXOXOXOXOXOXOXOXOXOXONOM CURUKSHEAUNUADRUADREHEADABABABHEDABER KAKAKAM BADABADHUADAJMUA VAGYGYAYAYAYAYAYGIGYAYASGEGYSYGYGYAYA वीर-सेवामन्दिरको सहायता गत फरवरी और मार्चके महीनोंमें वीर-सेवामन्दिर सरसावाको निम्न सज्जनोंकी ओरसे 285) रु० की सहायता प्राप्त हुई है, जिसके लिये दातार महानुभाव धन्यवाद र के पात्र हैं: 200) बाबू नन्दलालजी सरावगी, कलकत्ता / .50) बाबू दीनानाथजी सरावगी, कलकत्ता / 25) बाबू छोटेलालजी सरावगी, कलकत्ता / 7) ला० मेहरचन्दजी जैन, अम्बाला छावनी (पुत्र विवाहकी खुशीमें) 2) ला० जम्बूप्रसाद प्रेमचन्द जैन, गढी पुख्ता, जि० मुजफ्फरनगर (पुत्र विवाहकी खशीमें) 1) श्रीमती मखमलीदेवी धर्मपत्नी बा• जिनेश्वरप्रसाद जैन, देहरादून / 285) अधिष्ठाता—'वीर सेवामन्दिर सरसावा, जि. सहारनपुर / JAHASASRASAISASRERASSASRISASANASAHASRHAYADRISASARDASASRAHASRHAIRSAISAHASRISASAISA सूचना A SASAKURA KAUG MOYSESVOLGE . जो सज्जन 'अनेकान्त' की पिछली किरण न लेकर नवीन किरणसे ही ग्राहक बनना चाहते हैं, उन्हें सहर्ष सूचित किया जाता है कि वे 1 // ) रु. मनीषार्डर S से भिजवा देने पर 7 वी किरणसे 12 वी किरण तक के ग्राहक बनाये जा सकेंगे / में उन्हें नवीन प्रकाशित किरणें ही भेजी जाएँगी और जो 1) रु० के बजाए 1) रु० भेज देंगे उन्हें समाधितन्त्र और जैन-समाज दर्पण दोनों उपहारी पुस्तकें भी भिजवाई है। जा सकेंगी। -व्यवस्थापक CXKAMASOMANAKAMANAVANAMOookAMANAMAHAKAVACHANCHARCHECK SUMMUNUXURUXUXUXURMUMMUNUMUMUMUMUMUMUMUMUMUMIXMUMMUNCS - वीर प्रेस -अएिकापानकोटसळूस न्य देहली।

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