Book Title: Anangpavittha Suttani Padhamo Suyakhandho
Author(s): Ratanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh

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Page 7
________________ (6) जिन धर्मोपासक संघ संरक्षक दानवीर महानुभावों के उदारतापूर्ण सहयोग से यह आगम सेवा बन सकी है / उन सभी का मैं आभारी हूँ। इस समय द्वितीय भाग में शेष उपांग व छेद सूत्र छप चुके है, मूल सूत्रों का मुद्रण चल रहा है / हमारा प्रयास है कि यह भी शीघ्र पाठकों की सेवा में पहुँचावें। इस पुस्तक में यदि कहीं कोई भूल रह गई हो या सिद्धांत के विरुद्ध प्रकाशन हुआ हो तो अनंत सिद्धों की साक्षी से "मिच्छामि दुकडं" / '--पारसमल चंडालिया सैलाना दि. 15 / 2 / 1984 क

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