Book Title: Anangpavittha Suttani Padhamo Suyakhandho
Author(s): Ratanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh

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Page 14
________________ ओववाइयसुत्तं सरतलवरमाडंबियकोडंबियमंतिमहामंतिगणगदोवारिय अमच्चचेडपीढमद्दणगरणिगमसेठिसेणावइसत्थवाहदूयसंधिवालसद्धिं संपरिबुडे विहरइ॥८॥तेणं कालेणंतेणं समएणं समणे भगवं महावीरे आइगरे तित्थगरे सहसंबुद्धे पुरिसुत्तमे पुरिससीहे पुरिसवरपुंडरीए पुरिसवरगंधहत्थी अभयदए चक्खुदए मग्गदए सरणदए जीवदए दीवो ताणं सरणं गई पइट्टा धम्मवरचाउरंतचक्कवट्टी अप्पडिहयवरनाणदंसणधरे वियट्टच्छउमे जिणे जाणए तिण्णे तारए' मुत्ते मोयए' बुद्ध बोहए सव्वण्णू सव्वदरिसी सिवमयलमरुयमणंतमक्खयमव्वाबाहमपुणरावत्तियं सिद्धिगइणामधेयं ठाणं संपाविउकामे अरहा जिणे केवली सत्तहत्थुस्सेहे समचउरंससंठाणसंठिए वजरिसहणारायसंघयणे अणुलोमवाउवेगे कंकग्गहणी कवोयपरिणामे सउणिपोसपितरोरुपरिणए पउमुष्पलगंधसरिसणिस्साससुरभिवयणे छवी णिरायंकउत्तमपसत्थअइसेयणिरुवमपले(तले) जल्लमल्लकलंकसेयरयदोसवज्जियसरीरणिरुवलेवे छायाउज्जोइयंगमंगे घणणिचि. यसुबद्धलक्खणुण्णयकूडागारनिभपिंडियग्गसिरए सामलिबोंडघणणिचियच्छोडियमिउविसयपसत्थसुहुमलक्खणसुमंधसुंदरभुयमोयगभिंगनेलकजलपहिहभमरगणणिद्धणिकुरुंबनिचियकुंचियपयाहिणावत्तमुद्धसिरए दालिमपुप्फप्पगासतवणिजसरिसणिम्मलसुणिदकेसंतकेसभूमी घण(णिचिय)छत्तागारुत्तमंगदेसे णिव्वणसमलहमचंदद्धसमणिडाले उडुवइपडिपुण्णसोमवयणे अल्लीणपमाणजुत्तसवणे सुस्सवणे पीणमंसलकवोलदेसभाए आणामियचावरुइलकिण्हन्भराइतणुक सिणणिद्धभमुहे अवदालियपुंडरीयणयणे कोयासियधवलपत्तलच्छे गरुलायउज्जुतुंगणासे उवचियसिलप्पवालाबबफलसण्णिभाहरोठे : पंडुरससिसयलविमलणिम्मलसंखगोक्खीरफेणकुंददगरयमुणालियाधवलदंत्तसेढी अखं उदंते अप्फुडियदंते अविरलदंते सुणिद्धदंते सुजायदंते एगदंतसेढीविव अणेगदंते हुयवहणिद्धतघोयतत्ततवणिज्जरत्ततलतालुजीहे अवट्ठियसुविभत्तचित्तमंसू मंसलसंठियपसत्थसदूलविउलहणुए चउरंगुलसुप्पमाणकंबुवरसरिसग्गीवे वरमहिसवराहसीहसदूलउसभणागवरपडिपुण्णविउलक्खंधे जुगसन्निभपीणरइयपीवरपउहसुसंठियसुसिलिहविसिघणथिरसुबद्धसंधिपुरवरफलिहवट्टियभुए भुयईसरविउलभोगआयाणफलिहउच्छूढदीहबाहू रत्ततलोवइयमउयमंसलसुजायलक्खणपसत्थअच्छिद्दजालपाणी पीवर कोमलवरंगुली . आयंबतंबतलिणसुइरुइलणिद्धणक्खे चंदपाणिलेहे सूरपाणिलेहे संखपाणिलेहे चक्कपाणिलेहे दिसासोथियपाणिलेहे चंदसूरसंखचक्कदिसासोथियपाणिलेहे कणगसिलायलुजलपसत्थसमतलउवचियविच्छिण्णपिहुलवच्छे सिरिवच्छं

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